कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हरिद्वार जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी लगा दी है। जिसके अनुसार हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर गंगा स्नान के लिए किसी भी स्थानीय और बाहरी व्यक्तियों को अनुमति नहीं होगी।
बता दें कि उत्तराखंड में 1 जनवरी से कोरोना संक्रमित मामलों में तेजी से उछाल आया है। खासकर मैदानी जिलों में तेजी से बढ़ रहे मामलों ने प्रशासन की नींद उडा़ दी। ऐसे में प्रदेश सरकार किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती। हरिद्वार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 जनवरी मकर संक्रांति स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है। सोमवार देर शाम को जिला प्रशासन ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया है।
हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने निर्देश देते हुए कहा कि मकर संक्रांति के दिन स्थानीय और बाहरी किसी भी व्यक्ति को गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही हर की पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के प्रवेश पर बैन लगा रहेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी। हरिद्वार जनपद में नाइट कर्फ्यू रात्रि 10:00 से सुबह 6:00 तक प्रभावी रहेगा। इस मामले में उन्होंने अपने अधीनस्थों अधिकारियों को आदेशों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार ज़िला प्रशासन ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के स्नान करने पर प्रतिबंध लगाया। हर की पौड़ी पर भी प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। 14 जनवरी को रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा: विनय शंकर पांडे, ज़िलाधिकारी, हरिद्वार, उत्तराखंड #OmicronVariant pic.twitter.com/4tvpRENBy6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2022
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