जोशीमठ के बाद अब मठियाणगांव के मकानों में दरार

जोशीमठ में भू धंसाव की तस्वीरों ने हर किसी को डरा दिया लेकिन जोशीमठ उत्तराखंड का अकेला शहर नहीं है जहां भू धंसाव की समस्या नहीं लेकिन सरकार प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा। ऐसी ही भयावाह तस्वीरें चंबा के मठियाणगांव से आ रही है। जिसकी वजह से गुल्डी व मंज्यूड़ गांव के लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं। जिसकी वजह से 7 परिवारों ने अपने मकान छोड़ दिए हैं वही प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से शीघ्र सुरक्षात्मक उपाय करने की गुहार लगाई है। बता दें कि भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जनवरी 2019 में ऋषिकेश गंगोत्री राजमार्ग पर चंबा बाजार के ठीक नीचे 440 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग का निर्माण शुरू किया। खुदाई के दौरान मठियाणागांव के खेतों में दरारें दिखाई देने लगी। जैसे-जैसे खोदाई का काम आगे बढ़ता गया वैसे-वैसे कई आवासीय घरों में दरार दिखनी शुरू हुई।

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जोशीमठ आपदा के बाद से चंबा के मठियाणगांव (गुल्डी) व मंज्यूड़ गांव के लोग भी सहमे हैं। चंबा-उत्तरकाशी राजमार्ग पर बनाई गई सुरंग के ऊपर भू-धंसाव होने से मठियाण गांव के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। सुरंग की खोदाई शुरू होते ही सुरंग के ठीक ऊपर मठियाण गांव के खेतों में दरारें पड़ गई थी। खोदाई का काम आगे बढ़ने के साथ ही कई लोगों के आवासीय भवनों में भी दरार पड़ गई थी। भयभीत ग्रामीणों ने कई बार सुरंग का निर्माण कार्य भी ठप रखा। ग्राम प्रधान कुसुम नेगी ने बताया कि सुरंग से गांव के कई मकानों को खतरा है। इस संबंध में कई बार शासन प्रशासन को अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। वहीं इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है कि चंबा में सुरंग के कारण आई दरारें पुरानी है। हालांकि प्रभावित स्थान का परीक्षण करवाया जाएगा। शासन को इस संबंध में रिपोर्ट भेज दी गई है।