उत्तरकाशी के धराली गांव में आई त्रासदी ने भीषण तबाही मचाई है। इस घटना में कई आवासीय मक़ान और होटल और होमस्टे बह गए। इस घटना में अबतक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं जिनमें स्थानीय निवासी, पर्यटक और सेना के जवान भी शामिल हैं। कई रिपोर्ट्स में लापता लोगों का आंकड़ा 100 से अधिक बताया जा रहा है।
इस बाढ़ का कारण खीरगंगा में आया सैलाब है जिसने पूरे क्षेत्र को चपेट में ले लिया। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार होने वाली ऐसी आपदाओं की वजह जलवायु परिवर्तन, हिमालय की संवेदनशीलता और ग्लेशियरों का तेज़ पिघलना है, जिससे क्षेत्र में ग्लेशियल झीलें बन रही हैं, जो कभी भी फटकर बड़ी तबाही का कारण बन सकती हैं। उत्तराखंड के 3000 से भी ज्यादा गांव इस तरह की आपदा के खतरे में हैं और बीते दस वर्षों में यहाँ 57 से अधिक बार बादल फटने अथवा अतिवृष्टि की घटनाएं हो चुकी हैं।