Uttrakhand news: ऑपरेशन सिंदूर की लोकप्रियता को देखते हुए ठग ने इसे अपना व्यवसाय बना लिया है, जिसमें सेवा एवं सशस्त्र बलों के नाम पर चंदा मांगा जाता है और लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है। दरअसल ऑपरेशन सिंदूर की लोकप्रियता आज के समय में भारत का बच्चा-बच्चा जानता है इसलिए इसका फायदा उठाते हुए साइबर क्राइम करने वाले लोगों ने इसे धंधा बना लिया है, इसमें सेना व सशस्त्र बलों की सहायता करने के लिए चंदा मांगा जाता है और आम जनता चंदा दे देती है, इससे बचने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने लोगों को अलर्ट किया है। स्पेशल टास्क फोर्स के द्वारा दी जाने वाली सूचना के अनुसार साइबर अपराधी सेना एवं सशस्त्र बलों के नाम पर मैसेज या कॉल करके कुछ पैसे मांगते हैं।
इस पर साइबर सीओ का कहना है कि सशस्त्र बल एवं सेना के द्वारा कभी भी ऑनलाइन तरीके से सहायता के रूप में चंदा नहीं मांगा जाता है, उन्होंने कहा कि अगर आपके मोबाइल नंबर पर किसी भी प्रकार के अज्ञात फाइल या अज्ञात मैसेज आता है तो उस पर क्लिक न करें। क्योंकि कुछ ऐसे केस सामने आए हैं जिसमें इस प्रकार से मोबाइल और सिस्टम में वायरस फैल जाता है और आपका मोबाइल हैक कर लिया जाता है। इससे बचने के लिए टास्क फोर्स ने सभी जिलों में अलर्ट किया है।
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राज्य में इस साल लगभग 90 करोड रुपए की ठगी
उत्तराखंड में इस साल लगभग सैकड़ो से अधिक लोगों से साइबर अपराधी 90 करोड रुपए की ठगी कर चुके हैं। हालांकि इसमें से कुछ पैसा पुलिस ने तत्काल शिकायत होने पर होल्ड करके वापस भी कराया है। अंकुश मिश्रा, डिप्टीएसपी, साइबर टास्क फोर्स आदि के नाम पर ऑपरेशन सिंदूर के मैसेज आए लिंक भेज कर पैसे ठगे जा रहे हैं। जिसको लेकर हमने पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है, जागरूकता से ही हम इसे साइबर क्राइम से खुद को बचा सकते हैं।
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