गाजीपुर जिले के बाराचवर विकास खंड के सागापाली गांव में विकास कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है। गांव के निवासी ऋषिकांत भारती ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपकर 2015 से 2021 के बीच हुए कार्यों में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया है। उनका दावा है कि तत्कालीन ग्राम प्रधान सीता सिंह और पूर्व सचिव की मिलीभगत से बिना कोई काम कराए लाखों रुपये का भुगतान कर लिया गया। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच हलचल मचा दी है।
ऋषिकांत ने अपनी शिकायत में बताया कि पोखरी की खुदाई के नाम पर 1.71 लाख रुपये, सामुदायिक शौचालय के लिए 5.65 लाख रुपये और ग्रामीण स्वच्छता मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए 34.11 लाख रुपये का भुगतान फर्जी तरीके से किया गया। इसके अलावा, गौशाला निर्माण के नाम पर भी अनियमित भुगतान का आरोप है। ये सभी भुगतान सोहन राम (पुत्र दुलेसर), हरदेव बिंद (पुत्र रामदेव), और केशरी (पत्नी धर्मचंद्र) जैसे लोगों के नाम पर किए गए हैं।
शिकायतकर्ता ने दस्तावेजों के साथ ठोस सबूत पेश करते हुए जिलाधिकारी से निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि यह घोटाला गांव के विकास को प्रभावित करने वाला गंभीर मामला है, जिसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की अनियमितताएं ग्रामीण विकास योजनाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं। इस मामले ने जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है और अब सभी की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या इस शिकायत के बाद सागापाली गांव में हुए कथित घोटाले की सच्चाई सामने आएगी? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है।
डीएम गाजीपुर के कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले की जांच शुरू हो सकती है। ग्रामीणों की उम्मीद है कि दोषियों को बेनकाब कर गांव के विकास के लिए आवंटित धन का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।