आजकल के डिजिटल वर्ल्ड में जहाँ टेक्नोलॉजी में नए अवसर तलाश रही है वहीँ साइबर फ्रॉड के मामले भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहे हैं। आपको बता दें हाल ही में जीमेल साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। इस साइबर फ्रॉड में जीमेल की सिक्योरिटी में सेंध मार कर यूजर्स को मेल भेजा जा रहा है। फ्रॉडस्टर्स इस तरह का मेल भेज रहे हैं जो बिलकुल जीमेल का सिक्योरिटी अलर्ट जैसा दिखता है। ऐसे में यूजर्स का धोखा खाना तय है। ईमेल में दिए गए डोमेन भी जीमेल जैसे दिखते हैं।

जीमेल साइबर फ्रॉड से सतर्कता ही समझदारी
गौरतलब है की जब भी कोई फ्रॉड सामने आता है तो उससे डर का माहौल पैदा हो जाता है। जीमेल साइबर फ्रॉड में इस डर का होना बिलकुल जायज है। अक्सर इसी डर का फायदा फ्रॉडस्टर्स उठाते हैं। वो आपकी पर्सनल जानकारी जैसे की फोटोज , मेल , बैंक अकाउंट डेटा तक निकलवा लेते हैं। लेकिन डरने की कोई बात नहीं हैं बस सतर्क रहना ही समझदारी का प्रतीक है।
आपको बता दें मिली जानकारी के मुताबिक इस फ़र्ज़ी ईमेल में एक लीगल नोटिस का मेल होता है। इस मेल में ये लिखा होता है की गूगल को भारत सरकार की तरफ से नोटिस भेजा गया है। साथ ही ये भी लिखा होता है की आपको अपनी साड़ी डिटेल्स अधिकारीयों को देनी पड़ेगी। उसके बाद निचे लिंक देकर आपत्ति जाहिर करने के लिए कहेगा।
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यह sites.google.com जैसा लिंक दीखता है। असल में यह एक फर्जी साइट है। जो हूबहू असली जैसा लगता है। इस साइट का मुख्य मकसद ही आपकी डिटेल्स की चोरी करना है।
जीमेल ने की आधिकारिक घोषणा
साइबर फ्रॉड के इस मामले के सामने आते ही गूगल ने आधिकारिक रूप से इस फर्जीवाड़े की पुष्टि की है। साथ ही ये भी बताया है की गूगल ने अपनी सुरक्षा का लेवल और भी ज्यादा सख्त कर दिया है। हालाँकि गूगल ने अपने यूजर्स को टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन और पासकी यूज करने की सलाह दी है।
साइबर एक्सपर्ट ने बताया
जीमेल साइबर फ्रॉड के माले में साइबर एक्सपर्ट ने बताया की फ्रॉडस्टर्स ने DKIM Replay Attack टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने बताया की इस तकनीक में असली जीमेल को पकड़कर डुप्लीकेट मेल भेजा जाता है। ताकि वो गूगल की सिक्योरिटी को सर्पास आसानी से कर सके।
उन्होंने सुझाया की किसी भी दिए गए लिंक पर बिना जांच पड़ताल किये क्लिक न करें। उन्होंने बताया की सिर्फ google.com वाली डोमेन पर ही विश्वास करें. अन्य कोई भी डोमेन साइबर फ्रॉड की चाल हो सकती है। अगर मुमकिन हो तो टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को On ही रखें। किसी भी प्रकार से अति संवेदनशील जानकारी मेल के माध्यम से शेयर ना करें।