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उत्तराखंड: अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अदालत का फैसला, तीनों आरोपी दोषी करार

Authored by: Deepak Panwar
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Published on: 30 May 2025, 1:05 pm IST
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Ankita Bhandari Murder Case

Ankita Bhandari Murder Case Update: बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में आज अदालत ने फैसला सुना दिया है जिसमें मुख्य आरोपी  पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपी दोषी पाए गए। लंबे समय से चली आ रही न्यायिक लड़ाई आखिरकार अपने निर्णायक पड़ाव पर पहुंच गई है।

कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने 30 मई 2025 को इस सनसनीखेज मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने तीनों आरोपियों रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और डिप्टी मैनेजर अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी ठहराया है। अब सभी की नजरें सजा के ऐलान पर टिकी हैं, जो कुछ ही देर में होने की उम्मीद है।

इस फैसले ने न केवल अंकिता के परिजनों को राहत दी है, बल्कि पूरे उत्तराखंड में न्याय की उम्मीद जगा दी है।

क्या था अंकिता भंडारी हत्याकांड

पौड़ी गढ़वाल जिले के डोभ श्रीकोट गांव की 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के नजदीक गंगा भोगपुर में स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थीं। 18 सितंबर 2022 को वह अचानक लापता हो गईं। परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की शिकायत राजस्व पुलिस चौकी में दर्ज की, लेकिन शुरुआती जांच में ढिलाई के चलते मामला 21 सितंबर 2022 को लक्ष्मण झूला थाने को हस्तांतरित किया गया।

इसी दिन पुलिस ने रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और डिप्टी मैनेजर अंकित गुप्ता को भी शक के आधार पर गिरफ्तार किया था। 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव ऋषिकेश की चीला नहर से बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की पुष्टि हुई, साथ ही उनके शरीर पर चोट के निशान भी मिले। इस घटना ने पूरे प्रदेश में आक्रोश फैला दिया।

जांच और सियासी भूचाल

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24 सितंबर 2022 को विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। जांच में पता चला कि अंकिता को रिसॉर्ट में अवैध गतिविधियों में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा था, जिसके इनकार पर उनकी हत्या की गई। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है। इस कांड के बाद विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया।

ढाई साल बाद आया कोर्ट का फैसला

SIT ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों में से 47 की गवाही कोर्ट में पेश की गई। दो साल आठ महीने तक चली सुनवाई के बाद, 19 मई 2025 को अंतिम बहस पूरी हुई और कोर्ट ने 30 मई को फैसले की तारीख तय की।

परिजनों ने की मांग फांसी की मांग

अंकिता की मां सोनी देवी ने कोर्ट के फैसले से पहले भावुक अपील करते हुए दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए। उत्तराखंड की जनता हमारा साथ दे।” कोटद्वार कोर्ट के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई, जिसमें 100 मीटर के दायरे को ‘जीरो जोन’ घोषित किया गया। इस मामले ने उत्तराखंड में महिला सुरक्षा और पर्यटन उद्योग में काम करने वाली महिलाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। स्थानीय लोगों और महिला संगठनों ने इस हत्याकांड को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे।

कोर्ट का यह फैसला न केवल अंकिता के परिजनों, बल्कि पूरे देश के लिए एक अहम क्षण है। दोषियों की सजा का ऐलान जल्द होने की उम्मीद है।

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Deepak Panwar
Journalist by profession and the founder of Hindu Live. Has excelled Ba Journalism in Digital Media. A top grade writer with working experience of almost 6 years.
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