कहते है कि किसी भी क्षेत्र के विकास की पहली सीढ़ी सड़क होती है। ग्रामीणों इलाकों को राज्य व देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए सड़क नेटवर्क जरुरी है। आवागमन की सुविधा से विकास व अन्य कार्यों में तेजी आती है वहीं आपातकालीन स्थिति में सड़क मार्ग जीवनदायिनी का काम करती है लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य उत्तराखंड की स्थिति आज भी दयनीय है जहां आजादी के इतने सालों बाद भी 6 हजार से अधिक गांव सड़क का इंतजार कर रहे हैं। करीब 100 गांव ऐसे हैं जहां आज भी ग्रामीणों को सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए 10-10 किमी से अधिक का पैदल सफर करना पड़ता है।
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9 नवंबर 2000 को अलग राज्य गठित होने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि राज्य का अब विकास होगा हांलांकि यह उम्मीद केवल उम्मीद बन कर रही। आए दिन डोली के सहारे कच्ची पगडंडियों पर मरीज को अस्पताल पहुंचने की खबर सामने आती रहती है। इन 22 सालों में उत्तराखंड में सड़क मार्ग की स्थिति क्या है यह आंकड़े हम आपको जिलेवार उपलब्ध करा रहें हैं और यह आंकड़े ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की दूसरी अंतरिम रिपोर्ट से समाने आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के 6 हजार से अधिक गांव अभी तक सड़क से नहीं जुड़ पाए, जिनमें से 1000 से अधिक गांव अल्मोड़ा जनपद के है जबकि उधमसिंह नगर में केवल 4 गांव ऐसे हैं जो अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं।
सड़कों से नहीं जुड़े गांव जिलेवार आंकड़े
जिला | 10 किमी से अधिक | 06-10 किमी | 0-5 किमी | कुल गांव |
अल्मोड़ा | 05 | 37 | 1013 | 1055 |
पौड़ी | 00 | 57 | 877 | 934 |
पिथौरागढ़ | 34 | 54 | 834 | 922 |
टिहरी | 03 | 52 | 770 | 825 |
चमोली | 14 | 22 | 519 | 555 |
नैनीताल | 07 | 30 | 492 | 529 |
चंपावत | 08 | 36 | 314 | 358 |
बागेश्वर | 01 | 22 | 321 | 354 |
उत्तरकाशी | 09 | 32 | 224 | 265 |
रुद्रप्रयाग | 01 | 10 | 240 | 251 |
देहरादून | 0 | 24 | 210 | 239 |
उधम सिंह नगर | 0 | 0 | 04 | 04 |
कुल | 82 | 376 | 5828 | 6291 |