उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी हुई नहीं है। दूर दराज से लोग अपना इलाज करवाने आते हैं, परंतु वहां भी उन्हें बदहाली का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की तस्वीर मंगलवार को सामने आई, जहां बेस अस्पताल के गेट पर मरीज ने दम तोड़ दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि काफी देर तक मरीज गेट पर पड़ा रहा, परंतु अस्पताल के किसी भी कर्मचारी ने उसकी सुध नहीं ली।
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बता दें कि एक निजी संस्था के सहयोग से बेस अस्पताल में डायलिसिस की जाती है। मंगलवार को कमल मंडल (47) शक्ति फार्म सितारगंज निवासी अस्पताल में डायलिसिस कराने आया था। डायलिसिस कराने के बाद शाम को लौटते समय के गेट के पास गिर गया। तबीयत इतनी बिगड़ी की कमल मंडल ने वहीं पर दम तोड़ दिया। आरोप है कि पास में इमरजेंसी होने के बावजूद एक घंटे तक किसी भी कर्मी ने सुध नहीं ली।
घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस जिला महामंत्री हेमंत साहू अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और मामले की जानकारी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को दी। इतने में पुलिस भी वहां पहुंच गई। नाराज लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एक घंटे तक बेस अस्पताल के गेट पर मरीज पडा रहा लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। यदि मरीज को तत्काल इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
नाराज लोगों ने डायलिसिस कंपनी का टेंडर तत्काल निरस्त करने की मांग की और स्टाफ कार्मिकों पर भी सवाल उठाए। पीएमएस डॉ. हरीश लाल का कहना है कि जैसे उनको सूचना मिली उन्होंने तूरंत ईमओ को फोन कर मरीज को देखने के निर्देश दिए थे।