उत्तराखंड को बने भले ही 22 साल हो गए हैं लेकिन आज भी राज्य के कई हिस्से सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं। सड़कों की मांग को लेकर प्रशासन को अवगत कराया जाता है लेकिन प्रशासन मांगों को अनदेखा कर देता है। ऐसा ही एक मामला बागेश्वर जिले का है जहां प्रशासन की बेरुखी से क्षुब्द होकर प्रकाश गोस्वामी ने अपने गांव की सड़क खुद ही बना डाली। इस कार्य को करने में उन्हें एक साल का समय लगा। प्रकाश गोस्वामी के इस कार्य की जहां तारीफ हो रही वहीं सरकार की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
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जानकारी के अनुसार बागेश्वर के पनेल (ग्वाड़पेजना) गांव निवासी प्रकाश गोस्वामी मुम्बई में नौकरी करते थे। जिसके बाद नौकरी छोड़कर वह गांव में ही मजदूरी करने लगे। गांव से प्राथमिक स्कूल और कोट मंदिर के लिए रास्ता नहीं होने की वजह से ग्रामीणों और बच्चों को काफी परेशानी होती थी जिसे देखकर उनका मन दुखी हो जाता था।
एक साल में बनी सड़क
बच्चों की परेशानी को देखकर प्रकाश गोस्वामी ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई मगर प्रशासन ने इस मांग को अनदेखा कर दिया। जिसके बाद प्रकाश ने खुद ही सड़क बनाने की ठानी और कार्य शुरू किया। करीब एक साल के अंदर सड़क बना डालीं।
श्रमदान के बाद मजदूरी
प्रकाश गोस्वामी तड़के सुबह चार बजे से नौ बजे तक सड़क बनाने के लिए श्रमदान करते थे और उसके बाद मजदूरी करने जाते थे। करीब एक साल की मेहनत के बाद प्रकाश ने 500 मीटर सड़क बना डालीं। अपनी इस अनूठी पहल से वह गांव तक सड़क पहुंचाने में कामयाब हुए।