जहां सरकार एक तरफ बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के दावे करती है तो जमीनी हकीकत यह है कि दो शिक्षको के भरोसे स्कूल चल रहा है। तो नोनिहाल कैसे पढ़ेंगे? यह सबसे बड़ा सवाल है। यह हाल है उत्तरकाशी जनपद के विकासखडं नौगांव का राजकीय आदर्श विद्यालय कफनौल की। बच्चों के भविष्य को देखते हुए ग्राम पंचायत कफनौल का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी से मिले और समस्या से अवगत कराया।
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उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सरकार कितनी गंभीर है इसका ताजा उदाहरण कफनौल के राजकीय आदर्श विद्यालय जहां 122 छात्रों का भविष्य दो शिक्षको के भरोसे टिका हुआ है। अपने बच्चों को उचित शिक्षा देने के लिए अभिभावक दर दर भटक रहे हैं, सवाल अब उन गरीब ग्रामीणों का है जो अपने नौनिहालों को मंहगे स्कूल में नहीं भेज सकतें हैं आखिर कैसे पढेगा उत्तराखडं का भविष्य?
ग्राम पंचायत प्रधान चंद्रशेखर पंवार की अगुवाई में एक शिष्टमंडल जनपद मुख्यालय पंहुचा जहां उन्होने जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला से मुलाकत की और उत्तरकाशी की दम तोड़ती शिक्षा व्यवस्था की आपबीती सुनाई और जिलाधिकारी से विधालय में तत्काल शिक्षकों की तैनाती की मांग की।
प्रधान चंद्रशेखर पंवार ने बताया कि ग्राम पंचायत कफनौल का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी से मिला, जहां उन्होने अपनी मांग जिले के मुख्या के सामने रखी तो बताया कि जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने विद्यालय में तत्काल दो शिक्षकों की तैनाती के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिये।
जिला मुख्यालय पंहुचे शिष्टमंडल में ग्राम पंचायत प्रधान चंद्रशेखर पंवार, जवाहर सिहं चौहान,संदीप पंवार, शीशपाल सिहं, मंगल सिहं, नागेद्र सिहं दिवान सिहं, पारूल, दिनेश चौहान आदि मौजूद थे।