हल्द्वानी अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, दिल्ली पहुंचे कांग्रेस नेता

उत्तराखंड के बहुचर्चित हल्द्वानी अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। आरोप है कि यह लोग रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके बसे हैं और उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 7 दिन में जगह खाली करवाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद प्रशासन ने इन लोगों से जगह खाली करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद किसने क्या-क्या कहा यह हम आपको इस लेख से बताएंगे।

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हल्द्वानी अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे पर उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश के अनुसार काम करेगी। मामला रेलवे और कोर्ट के बीच था हम इसमें कहीं नहीं थे। कुछ लोगों ने विरोध की राजनीति के कारण अनावश्यक रूप से ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की कि सब सरकार कर रही है।

हल्द्वानी अतिक्रमण हटाने के खिलाफ सपा, बसपा, कांग्रेस, AIMIM समेत कई विपक्षी दल शुरुआत से ही विरोध कर रहे हैं। यह मुद्दा कांग्रेस की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया। हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर रोक लगाने के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया।

हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय में जो विसंगतियां थी उन्हें लेकर हम सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय और न्यायिक दृष्टिकोण को देखा गया और जो विसंगतियों को लेकर हम गए थे वह सही थी।

उत्तराखंड के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हल्द्वानी के लोगों से सर से छत नहीं छीनी जायेगी, बच्चों के स्कूल नहीं टूटेंगे, अस्पताल नहीं टूटेगा, मंदिर मस्जिद धर्मशाला नहीं टूटेगी। जी तो हमेशा सत्य की ही होगी। आभार, धन्यवाद माननीय उच्चतम न्यायालय।