समान नागरिक संहिता पर उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनाई गई समिति को सुप्रीम कोर्ट ने सही ‌ठहराते हुए दायर याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि UCG को लागू करने के लिए राज्य सरकार समिति बना सकते हैं।संविधान ने उन्हें इसका अधिकार दिया है एवं इसे चुनौती देने के लिए अदालत का रुख नहीं किया जा सकता।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी, Best tourist places in Uttarakhand

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार बनने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। सरकार बनते ही उन्होंने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला किया था। उत्तराखंड के बाद गुजरात सरकार ने भी समान नागरिक संहिता के लिए विशेष के समिति बनाने का फैसला किया था।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित समिति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि राज्यों के पास ऐसा करने का अधिकार है। याचिकाकर्ता वकील अनूप बरनवाल ने समिति गठन के निर्णय की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया था। CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि याचिका को सुनने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार को ऐसी समितियां बनाना संविधान के अधिकार से बाहर नहीं है। अनुच्छेद 162 कार्यपालिका को ऐसे समिति बनाने की शक्ति प्रदान करता है। संविधान की सातवीं अनुसूची की पांचवी प्रविष्टि राज्यों को ऐसे समिति बनाने की शक्ति देती है।