उत्तरकाशी की अस्सी गंगा घाटी के छोटे से गांव दंदलका के निवासी मोहन सिंह रावत ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है। बुधवार को जब मोहन सिंह जिला मुख्यालय पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस खास मौके पर ग्रामीणों ने उनके सम्मान में एक विशेष समारोह का आयोजन किया, जिसमें उत्साह और गर्व की लहर देखने को मिली।
मोहन सिंह के साथ उनकी पत्नी अमिता रावत भी इस समारोह में शामिल हुईं। ग्रामीणों के साथ-साथ टाटा स्टील के कर्मचारियों ने भी इस जोड़े का गर्मजोशी से अभिनंदन किया। मोहन सिंह ने बताया कि उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन का अहम योगदान रहा। उन्होंने खुलासा किया कि 18 मई को उन्होंने एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराकर अपने सपने को साकार किया। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन और प्रख्यात पर्वतारोही बचेंद्री पाल का तहे दिल से आभार जताया, जिनके मार्गदर्शन और समर्थन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
स्वागत समारोह में स्थानीय निवासियों ने मोहन सिंह की हिम्मत और जज्बे की जमकर सराहना की। इस अवसर पर दिनेश राणा, कमल सिंह रावत, मुकेश पंवार, अनवीर सिंह, बलदेव राणा, ममता रावत, विनीता पंवार, देवेंद्र रावत, पबेंद्र पंवार, अनिल राणा और अनिल रावत सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस आयोजन ने न केवल मोहन सिंह के साहस को सम्मानित किया, बल्कि युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा का संदेश दिया कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।