उत्तराखंड स्थित बाबा kedarnath धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। जहां एक ओर पैदल यात्रा करने वालों की भीड़ उमड़ती है, वहीं दूसरी ओर helicopter सेवा का उपयोग करने वालों की संख्या में भी भारी इज़ाफा देखने को मिला है। Fata, सिरसी और गुप्तकाशी, इन तीन हेलीपैड्स से प्रतिदिन औसतन 1500 यात्रियो से अधिक की हवाई आवाजाही हो रही है। राज्य सरकार द्वारा चयनित 9 हेली कंपनियां जिनमें पवन हंस, हिमालयन हेली, ट्रांस भारत, एरोक्राफ्ट, थम्बी एविएशन और अन्य भी शामिल हैं, वह तीन साल की अनुबंध प्रणाली के अंतर्गत सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इन कंपनियों द्वारा प्रतिदिन लगभग 250 उड़ानों का संचालन किया जा रहा है। हवाई सेवा का एक तरफ़ा किराया लगभग ₹2500 से ₹3200 तक का है। जबकि कुछ विशेष वीआईपी सेवा पैकेज ₹1 लाख से ₹2.5 लाख तक में उपलब्ध हैं, जिनमें राउंड ट्रिप, भोजन, वीआईपी दर्शन और रात का ठहराव आदि भी शामिल होता है।

हालांकि जहां एक ओर यह सेवा बुजुर्गों और असमर्थ यात्रियों के लिए राहत बनकर सामने आती दिखाई दे रही है, वहीं हाल की दुर्घटनाओं ने सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते 40 दिनों में kedarnath रूट पर लगभग 5 हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं, जिनमें अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। 15 जून यानी आज ही गुप्तकाशी से kedarnath जा रहे एक Bell-407 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 7 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक बच्ची भी शामिल थी। इन हादसों को देखते हुए डीजीसीए (नागरिक विमानन महानिदेशालय) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने बहुत कड़े कदम उठाए हैं।
अब केवल अनुभवी पायलटों को ही उड़ान संचालन की अनुमति दी जा रही है और उड़ानों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है। यानी kedarnath हेली सेवा ने श्रद्धालुओं को सुविधा तो दी है, लेकिन हाल के ये हादसों के चलते सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है। यात्रियों को चाहिए कि वे अधिकृत कंपनियों से ही टिकट बुक करें और मौसम तथा सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
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