उत्तराखंड सरकार की नई मेगा औद्योगिक नीति, पहाड़ों में उद्योग लगाने पर मिलेगी 20% तक की सब्सिडी

उत्तराखंड सरकार ने पर्वतीय जिलों में कारखाने और उद्योग लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार चाहती है कि बड़े-बड़े निवेशक यहां …

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उत्तराखंड सरकार ने पर्वतीय जिलों में कारखाने और उद्योग लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार चाहती है कि बड़े-बड़े निवेशक यहां आएं और अपना कारोबार शुरू करें, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। इसके लिए नई मेगा इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट नीति बनाई गई है, जिसे बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिली। इस नीति में पहाड़ी क्षेत्रों को खास तवज्जो दी गई है, ताकि वहां भी उद्योग फलें-फूलें।

सरकार ने फैसला किया है कि जो निवेशक इन क्षेत्रों में कारखाने लगाएंगे, उन्हें 20 फीसदी तक पूंजीगत सब्सिडी (Capital Subsidy) दी जाएगी। यह पैसा चार किस्तों में मिलेगा, जब उद्योग में काम शुरू हो जाएगा। साथ ही, पहाड़ी इलाकों में उद्योग लगाने वालों को 2 फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी भी मिलेगी, क्योंकि इन इलाकों में शहरों की भांति कारोबार शुरू करना थोड़ा मुश्किल होता है।

उद्योगों को चार हिस्सों में बांटा गया

सीएम धामी केबिनेट नई मेगा औद्योगिक नीति

इस नीति में उद्योगों को उनके निवेश के आधार पर चार तरह में बांटा गया है:

  • लार्ज: 50 से 200 करोड़ रुपये तक निवेश, 10% सब्सिडी।
  • अल्ट्रा लार्ज: 200 से 500 करोड़ रुपये, 12% सब्सिडी।
  • मेगा: 500 से 1000 करोड़ रुपये, 15% सब्सिडी।
  • अल्ट्रा मेगा: 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा, 20% सब्सिडी।

नई नीति‌ के अनुसार इन उद्योगों को कम से कम 50 से 500 लोगों को स्थायी नौकरी देनी होगी। सब्सिडी का पैसा 8, 10, 12 और 15 साल में किस्तों में मिलेगा, जब कारखाने में उत्पादन शुरू हो जाएगा।

पहाड़ों में क्यों खास ध्यान?

पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क, बिजली और दूसरी सुविधाओं की कमी के कारण बड़े उद्योग कम ही आते हैं। इस वजह से वहां के लोग रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन करते हैं। सरकार की इस नीति का मकसद यही है कि पहाड़ों में कारखाने लगें, जिससे स्थानीय लोगों को अपने गांव में ही काम मिले। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हम चाहते हैं कि पहाड़ी इलाकों में उद्योग आएं, ताकि हमारे युवा अपने घर के पास नौकरी पा सकें और पलायन रुके।”

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क्या बदलेगा?

इस नीति से पर्वतीय जिलों में नौकरियों के नए मौके बन सकते हैं। स्थानीय लोग इसे बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं। कारोबारी भी इस नीति से उत्साहित हैं, क्योंकि सब्सिडी और सरकार का साथ उन्हें पहाड़ों में निवेश के लिए प्रेरित कर रहा है। सरकार अब निवेशकों को लुभाने के लिए बड़े सम्मेलनों और रोडशो की तैयारी कर रही है। साथ ही, कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया को आसान करने के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम को और बेहतर किया जाएगा।

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This article was written by the Hindu Live editorial team.