बड़ी ख़बर: हरिद्वार डीएम और एसडीएम सस्पेंड, 54 करोड़ के जमीन घोटाले मामले में फंसे

स्केम (scam text image)

प्रतीकात्मक फोटो

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उत्तराखंड के हरिद्वार में 54 करोड़ रुपये के ज़मीन घोटाले ने प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। सीएम धामी ने इस घोटाले में शामिल दो IAS अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही, नौ अन्य कर्मचारियों पर भी घोटाले गाज गिरी है। सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए सतर्कता विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे घोटाले की परतें खुलने की उम्मीद है।

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कूड़े के ढेर वाली ज़मीन का घोटाला

यह मामला हरिद्वार नगर निगम द्वारा सराय गांव में कूड़े के ढेर के पास 35 बीघा ज़मीन को 54 करोड़ रुपये में खरीदने से जुड़ा है। इस ज़मीन की वास्तविक कीमत लगभग 14 करोड़ रुपये थी, और इसे बिना किसी स्पष्ट जरूरत के खरीदा गया। जांच में पता चला कि यह ज़मीन पहले कृषि भूमि थी, जिसका उपयोग बदलकर इसे गोदाम बनाने की शर्त पर खरीदा गया। लेकिन, शर्तों के उलट, इसका इस्तेमाल केवल कूड़ा डंप करने के लिए किया जा रहा है।

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जांच में यह भी सामने आया कि खरीद प्रक्रिया में तहसीलदार और नगर निगम की संयुक्त जांच को दरकिनार किया गया, जिससे पारदर्शिता की धज्जियां उड़ गईं। हरिद्वार की मेयर किरण जायसवाल ने इस घोटाले को उजागर किया और मुख्यमंत्री धामी को लिखित रूप में शिकायत दी, जिसके बाद IAS अधिकारी रणवीर सिंह चौहान की अगुवाई में 25 दिन की गहन जांच हुई।

 

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जांच में सामने आए बड़े नाम

रणवीर सिंह चौहान की जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें हरिद्वार डीएम कर्मेंद्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी, और SDM अजयवीर सिंह को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके अलावा, चार अन्य अधिकारियों—कार्यकारी अधिकारी रविंद्र कुमार दयाल, सहायक अभियंता आनंद सिंह मिसरवान, कर और राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट, और कनिष्ठ अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल—को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। एक रिटायर्ड संपत्ति लिपिक वेदपाल की सेवा विस्तार को भी रद्द कर दिया गया।

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सतर्कता विभाग खोलेगा राज

सरकार ने नगर निगम जमीन घोटाले मामले की गहराई तक जांच के लिए सतर्कता विभाग को जिम्मेदारी दी है। उम्मीद है कि यह जांच घोटाले के हर पहलू को उजागर करेगी और दोषियों को सजा दिलाएगी। साथ ही, जिन किसानों ने यह ज़मीन बेची थी, उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है।

 

 

 

लेखक के बारे में
Deepak Panwar
Journalist by profession and the founder of HinduLIVE Media. Has excelled BA Journalism in Digital Media.
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