उत्तराखंड के चमोली जिले के हेलंग में शनिवार को निर्माणाधीन विष्णुगाड़-पीपलकोटी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट साइट पर भारी भूस्खलन हुआ। इस हादसे में 12 मजदूर घायल हो गए, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, भूस्खलन उस वक्त हुआ जब करीब 70 मजदूर डेम साइट पर कार्य कर रहे थे। अचानक पहाड़ से पत्थर और मलबा गिरना शुरू हो गया, जिससे वहां हड़कंप मच गया। मजदूरों ने भागकर जान बचाने की कोशिश की, बावजूद इसके 12 लोग घायल हो गए, जिनमें चार मजदूरों की स्थिति चिंताजनक है। घायलों को विवेकानंद अस्पताल पीपलकोटी और कुछ को श्रीनगर रेफर किया गया है।
राहत कार्य तेजी से जारी
भूस्खलन की सूचना मिलते ही प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और मेडिकल टीमों ने मोर्चा संभाल लिया। प्रभावित मजदूरों को मलबे से सुरक्षित निकालने के लिए युद्धस्तर पर राहत कार्य जारी है। जिलाधिकारी ने कहा है कि परियोजना स्थल पर फिलहाल कार्य बंद कर दिया गया है और सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद ही दोबारा कार्य शुरू किया जाएगा।
भू-सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर पर्वतीय इलाकों में निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों और सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने सभी निर्माण कंपनियों को मजदूरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों और मजदूरों में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर मानसून के दौरान यहां इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे गंभीर नुकसान उठाना पड़ता है। प्रशासन से उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता बरतने की मांग की है।