उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय के निकट सिल्याण गांव में भूं धंसाव (Silyan Village Landslide) से आवासीय मक़ान ख़तरे की जद में हैं। कई मकानों में अब दरारें पड़ चुकी हैं। प्रभावित परिवार अब घरों को छोड़कर किराये पर रहने को मजबूर हो गए हैं। लगातार हो रही बरसात से लैंडस्लाइड का ख़तरा लगातार बढ़ता जा रहा है। गांव में कृषि भूमि व आम रास्ते भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं जिससे बाजार व स्कूली छात्रों के लिए रास्ते पूरी तरह बंद हो चुके हैं।
आपदा है या लोक निर्माण विभाग की ग़लती?
सिल्याण गांव में हुए इस भू-धंसाव का कारण आपदा नहीं बल्कि जसपुर-सिल्याण-निरकोट मोटरमार्ग है। दरअसल मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत लोक निर्माण विभाग उत्तरकाशी ने साल 2017 में 4 किलोमीटर मोटरमार्ग के लिए सर्वे किया गया था। यह सड़क निर्माण अब सुरक्षा की द्रष्टि से इतना संवेदनशील हो गया है कि सिल्याण गांव सहित जसपुर और माडों के लिए भी ख़तरा बन गया है। चार किलोमीटर लंबी इस निर्माणाधीन सड़क पर जगह-जगह लैंडस्लाइड जोन बन गए हैं।
मुख्यतः सिल्याण गांव की स्थिति सबसे संवेदनशील है।ग्रामीणों ने सीधे तौर पर लोक निर्माण विभाग को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। विभागीय अधिकारियों को बार-बार अति संवेदनशील जगहों पर अनियंत्रित और बिना सुरक्षात्मक उपाय किए बगैर कटान से रोका गया था बावजूद इसे अनसुना किया गया, यह आज एक डरावना लैंडस्लाइड ज़ोन बन कर रह गए है।




डीएम ऑफिस पहुंचे ग्रामीण
बीते मंगलवार को प्रभावित ग्रामीण जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां जिलाधिकारी प्रशांत आर्य को आपबीती सुनाई। इसके बाद एसडीएम सहित भू-वैज्ञानिक व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रभावित घरों का निरीक्षण किया। एसडीएम ने भू धंसाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर आवास शिफ्ट करने के निर्देश दिए। साथ ही सार्वजनिक रास्तों के निर्माण और त्वरित सुरक्षात्मक उपाय किए जाने का आश्वासन दिया गया।



