uttrakhand cloudburst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अचानक बादल फटने से चारों ओर तबाही मच गई कुछ ही घंटे में इतनी तेज बारिश हुई की नदियां उफान पर आ गई और नाले भी रूद्र रूप धारण कर लिए। शस्त्रधारा और तपेश्वर इलाकों में हालात तो सबसे ज्यादा खराब दिख रहे थे जहां पानी घर हो दुकानों और सड़कों पर भी घुस गया था।
जनहानि और नुकसान
अत्यधिक तेज बारिश और बाढ़ जैसे हालात होने के कारण अब तक 13 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि इस इलाके में हो गई है जबकि कई सारे लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। कहीं घर तो बह गए, पुल बह गए और सड़के भी ध्वस्त हो गई। तपकेश्वर महादेव मंदिर का भी हिस्सा पानी और मालवे की चपेट में आ गया है खेत खलियानों को भी भारी नुकसान हो रहा है जिससे स्थानीय किसान की आजीविका प्रभावित हो रही है और वह काफी परेशान है।
पर्यटकों की मुसीबत
उत्तराखंड के मसूरी और आसपास के पर्यटन स्थल पर पहुंचे सैकड़ो पर्यटकों को अचानक आई बारिश और मालवा गिरने के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा वह जहां थे वहां भी फंस कर रह गए। कई सारे रास्ते ही बंद हो गए जिस कारण वाहनों की लंबी कतार लग गई। राज्य प्रशासन ने पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए रेस्क्यू अभियान भी तेजी से शुरू कर दिया है।
प्रशासन की चुनौतियां
भारी बारिश और बादल फटने जैसे घटनाओं को निपटाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम में भी राहत व बचाव के काम में लगी हुई है। लेकिन लगातार हो रही बारिश रुकावट पैदा कर रही है कई जगह पर बिजली और पानी का सप्लाई भी बंद हो गया है गांव से संपर्क टूट जाने के कारण मदद पहुंचाने में भी समय लग रहा है।
विशेषज्ञों की राय
उत्तराखंड के विशेषज्ञों का मानना है की पहाड़ी क्षेत्रों में अनियंत्रित निर्माण और प्राकृतिक जल्द धाराओं के साथ छेड़छाड़ होने के कारण इस तरह की आपदाएं आ रही है और समस्याओं को गंभीर बना रही है। लगातार बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्यों को सतर्क रहने की जरूरत है।






