उत्तराखंड: जांच के दायरे में देहरादून-हरिद्वार नगर निगम, कर चुके करोड़ों के घपले

देहरादून हरिद्वार नगर निगम पर करोड़ों रुपए गबन करने के आरोप हैं। एक छोटी सी आरटीआई इतनी बड़ा स्कैम एक्सपोज कर देगा यह किसी को पता नहीं था। ऐसी एक घटना हरिद्वार में हुई है जहां हर नाम दास की कुटिया निवासी दीपक ठाकुर ने हरिद्वार नगर निगम से रोपवे का संचालन करने वाली कंपनी उषा ब्रेको की देनदार के संबंध में केवल आरटीआई की जानकारी मांगी थी मगर तय समय सीमा के भीतर किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त न होने के कारण यह मामला सूचना आयोग तक पहुंचा।

       

सूचना आयुक्त ने कंपनी के 2005 और 6 से जितने भी पंजिका दर्ज है उनकी जानकारी के लिए आदेश दिया था इसके बाद यह बात सामने आई की कंपनी को साल 2005 से लेकर 2011 तक रोपवे के एवज में नगर निगम को प्रतिवर्ष 21.76 लाख रुपए का भुगतान करने को कहा था और 2020 तक यह राशि बढ़कर 27 लाख 12 हज़ार 222 रुपए हो गई थी। इतना ही नहीं जांच में यह भी सामने आया की साल 2005 में उसे वर्ष की मांग 21 लाख़ रुपए भले ही थे। कंपनी का पिछला बकाया ही कुल 95 लाख रुपए थे उस साल कंपनी ने 21.76 लाख रुपए दे दिया था और बाकी पैसा बकाया दर्ज़ करवाया था।

 

95.76 लाख बकाया

बात उसके अगले साल की करें तो पूरा बकाया 95.76 लाख का था, जिसमें से 28.76 लाख़ रुपए वापस किया गया था। अब बकाया भुगतान 66 लाख़ होने के बजाए दर्ज़ केवल 7.27 लाख़ ही किया गया। असल में पैसे का स्कैम यहां से ही शुरू हुआ था। उसके अगले साल कुल 27 लाख़ रुपए का भुगतान किया गया और पहले के बकाया पैसों को सरप्लस राशि बताई गई।

मामले की सुनवाई के वक्त सूचना आयुक्त योगेश ने बताया की कंपनी के खाते में कांट छांट देखा गया हैं और इससे ये पता लगता है की कंपनी के ऊपर जो उचित बकाया है उसे दर्ज़ नही किया गया हैं । साथ ही सूचना आयुक्त ने कंपनी से 66 करोड़ रुपए की हिस्ट्री के बारे में भी पूछा है।