CAA Full Form: सीएए क्या है? आखिर भारत में इसे लागू करना क्यों आवश्यक हुआ

भारत में सीएए कानून लागू करने की अधिसूचना आज यानी (सोमवार, 11 मार्च, 2024) को जारी किया गया है। हालांकि इससे पूर्व साल 2020 में …

Photo of author

भारत में सीएए कानून लागू करने की अधिसूचना आज यानी (सोमवार, 11 मार्च, 2024) को जारी किया गया है। हालांकि इससे पूर्व साल 2020 में भी इसे लागू किया गया था लेकिन भारी विरोध प्रदर्शन के बाद इसे वापस लिया गया था। क्या आप जानते हैं कि आखिर यह सीएए (CAA) क्या है और इसको लागू करना क्यों महत्वपूर्ण हो गया था।

सीएए क्या है?

CAA Full form

सीएए का पूरा नाम (CAA full form) सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act) है। यह कानून भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के उन प्रताड़ित लोगों के लिए बनाया गया है। निम्नलिखित धर्मों के लोग यदि भारत में आना चाहते हैं यह कानून इन्हें नागरिकता देने की इजाजत देता है। साथ ही उन लोगों को भी नागरिकता देगा जो भारत पाकिस्तान के अलग होने के बाद से पाकिस्तान में प्रताड़ित किए जा रहे हैं।

जारी अधिसूचना के मुताबिक नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 में कुछ बदलाव किए गए हैं जिसके तहत उन अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के लिए रास्ता खोला गया है, जो दिसंबर 2014 तक पड़ोसी देशों में किसी प्रताड़ना का शिकार हुए हों और भारत में शरण लिए हुए हैं। गौरतलब है कि इस कानून से भारतीय मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है उनकी नागरिकता पर इस क़ानून से किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के दो साल बाद यानि 2016 में इस बिल को लोकसभा में पास किया गया था, लेकिन विधानसभा में विपक्षी पार्टियों ने इसमें अटकलें लगाई थी। साल 2019 में फिर चुनाव आ गए थे जिसके बाद भाजपा ने इस कानून को लागू करने का वादा किया था। इसके बाद इसे पुनः लोकसभा तथा विधानसभा में पेश किया गया जहां यह पास हो गया।

2020 में हुए थे सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

2019 में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम को भारत में लागू किया गया था लेकिन देशभर में तरह तरह के प्रोटेस्ट हुए थे। विपक्षी दलों ने यह अफवाहें फैलाई थी कि यह कानून भारतीय मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा।

CAA Full Form

Citizenship Amendment Act

CAA फुल फॉर्म हिंदी में

नागरिक संहिता कानून

About the Author
This article was written by the Hindu Live editorial team.