Copy Jihad : उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड की परीक्षा को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए नकल माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में साफ तौर पर कहा है कि राज्य में नकल करने वाले लोगों को किसी भी हाल में सफल होने नहीं दिया जाएगा। सरकार की नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद अब तक राज्य में 100 से अधिक नकल माफिया जेल जा चुके हैं।
Copy Jihad’ शब्द से क्या संदेश?
कम धामी ने नकल माफिया और कुछ कोचिंग संस्थान ऑन की मिली भगत को Copy Jihad नाम दिया है। सीएम धामी का कहना है कि यह एक गैंग है जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है इसकी साजिश के तहत सभी योग्य परीक्षार्थियों का हक छीन जाता है। पुष्कर सिंह धामी का संदेश साफ है कि अगर ऐसी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को पकड़ा जाता है तो उसे किसी भी हाल में माफ नहीं किया जाएगा।
सरकार की बड़ी उपलब्धि
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने यह दावा किया है कि बीते 4 सालों में 25000 से ज्यादा युवाओं को उनकी मेहनत और प्रतिभा के बल पर उत्तराखंड राज्य में सरकारी नौकरी मिली है यह उपलब्धि ये दर्शाती है की भर्ती प्रक्रिया पहले से ज्यादा पारदर्शी है। सरकार का कहना है की नकल विरोधी कानून ने युवाओं के बीच एक भरोसा बढ़ाया है और आप उन्हें साफ सुथरे माहौल में प्रतियोगी परीक्षा देने का अवसर मिल रहा है।
सख्त चेतावनी माफियाओं को
उत्तराखंड के सीएम ने अपने संबोधन के दौरान स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य सरकार हर उसे गैंग और माफिया को मिट्टी में मिला देगी जो नकल करने और परीक्षा पेपर लीक करने जैसी गतिविधियों में शामिल होंगे। उनकी चेतावनी साफ तौर से बताती है कि आने वाले समय में और भी कड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
युवाओं के लिए सकारात्मक संदेश
उत्तराखंड के कम गया अभियान शुरू होने के बाद सबसे बड़ा असर युवाओं पर पड़ रहा है पहले जहां पेपर लीक और नल की खबरों से अभ्यर्थियों का मनोबल गिर जाता था वहीं अब उन्हें विश्वास है कि अब उनकी मेहनत ही सफलता की असली कुंजी बनेगी। कॉफी जिहाद के खिलाफ या लड़ाई युवाओं को सही दिशा देने के लिए एक अहम प्रयास है।