Dehradun Cloudburst : उत्तराखंड के देहरादून में कई इलाकों में शनिवार सुबह बादल फटने से हालात बेहद गंभीर हो गए। सहस्रधारा, मजाड़ा, कार्लीगाड़ और मालदेवता क्षेत्र में तेज बारिश और मलबे के कारण कई लोगों के घर भी बर्बाद हो गए। कहीं परिवार के घरों में घुटनों तक मलवा आ गया अब लोग अपने टूटे-फूटे घरों से जो थोड़ा बहुत सामान बचा कर ले जा सकते थे, उसे लेकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
बुनियादी ज़रूरतें भी छिन गईं
उत्तराखंड में बादल फटने से प्रभावित परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उनकी मूलभूत जरूरत की चीज भी छिन गई है। कई लोगों के पास तो पहनने के लिए कपड़े तक नहीं है भोजन और पानी की भी बहुत गंभीर समस्या हो रही है। छोटे बच्चे और बूढ़ों को भी काफी परेशानियां हो रही है। मदद के लिए मौजूद शिविर आदि में लोग अपने परिवार समेत खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हो गए हैं।
आर्थिक और मानसिक नुकसान
ऐसी आपदा होने से न सिर्फ लोगों के घर छिन गए बल्कि उनकी सालों की कमाई भी चली गई। लोगों के घर के समान फर्नीचर पूरी तरह से नष्ट हो गए मवेशी बढ़ गए जिससे ग्रामीणों की जीविका पर भी असर पड़ रहा है लोग मानसिक रूप से भी बहुत टूट चुके हैं, क्योंकि जीवन भर की मेहनत पल भर में खत्म हो गई।
प्रशासन की चुनौती
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी है प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भी भेजी जा चुकी है लेकिन भारी मलबे और सड़क के रास्ते टूटने के कारण लोगों तक सहायता पहुंचने में देरी हो रही है।
आगे की ज़रूरत
उत्तराखंड के देहरादून में इस तरीके से बादल फटने से ऐसा तो साफ पता चल रहा है कि पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन को और अधिक प्रशासन को सशक्त बनाने की जरूरत है। आपदा से निजात पाने के लिए प्रशासन को सुरक्षित रहने के लिए घर, आपातकालीन राहत सहायता और आधुनिक चेतावनी तकनीक आदि का प्रबंध करना चाहिए।