नैनीताल: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पंचायत चुनाव तय समय पर होंगे और इनमें कोई रुकावट नहीं आएगी। साथ ही, जिन प्रत्याशियों के नाम शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाता सूचियों में दर्ज हैं, वे भी चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, जीत के बाद पंचायती राज अधिनियम के आधार पर उनके खिलाफ आपत्ति दर्ज की जा सकती है।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनाया। दरअसल, उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम, 2016 की धारा 9 की उपधारा 6 और 7 में कहा गया है कि किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा है, तो वह मतदान या चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना जाएगा। इसी आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें दो जगह मतदाता सूची में नाम वाले व्यक्तियों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी। इस सर्कुलर पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद मामला फिर से कोर्ट में पहुंचा।
हाईकोर्ट ने अपने ताजा आदेश में कहा कि चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा, लेकिन नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाताओं और प्रत्याशियों को वोट देने या चुनाव लड़ने से वंचित करना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। इस फैसले से उन प्रत्याशियों को राहत मिली है, जिनके नाम दो मतदाता सूचियों में हैं। अब सभी की नजरें 24 और 28 जुलाई को होने वाली वोटिंग पर टिकी हैं।