UKSSSC Exam Jammers: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने हाल ही में अपनी भर्ती में परीक्षाओं को सुरक्षित तरीके से बना लेने के लिए एग्जामिनेशन सेंटर पर Jammers लगवाएं। उत्तराखंड के लगभग 445 परीक्षा केदो पर यह इलेक्ट्रॉनिक जैमर्स लगाए गए थे, ताकि कोई भी व्यक्ति पेपर लिक ना कर पाए। इसका मकसद था कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से पेपर लेकर फोटो खींचने की घटनाओं को रोका जाए।
लेकिन तकनीकी प्रॉब्लम्स के कारण या योजना पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई और जैमर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण 5G नेटवर्क को ब्लॉक करने में सफल हो गया जिससे कुछ भी संदिग्ध गतिविधियों के संभावनाएं बनी रही।
जैमर कैसे नाकाम रहे
परीक्षा केंद्र में एंट्री देने से पहले सभी उम्मीदवारों की जांच हुई और Jammers की स्थापना की गई। फिर भी 5G नेटवर्क का सिग्नल इतना ज्यादा मजबूत था की कुछ जगहों पर ब्लॉकिंग संभव नहीं हो पाई जिस कारण प्रश्न पत्र की तस्वीर एग्जामिनेशन सेंटर से बाहर गई।
संभावित खतरे और परिणाम
परीक्षा केंद्र पर जैमर का काम नहीं करना परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है यदि कोई उम्मीदवार मोबाइल से पेपर की तस्वीर खींचने में सफल हो जाता है, तो यह आयोग की विश्वसनीयता और परीक्षा प्रक्रिया पर प्रभाव डालता है।
इससे भविष्य में परीक्षाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे, जैसे उन्नत तकनीकी जैमर का इस्तेमाल करना होगा। परीक्षा केंद्र पर कड़ी से कड़ी निगरानी रखनी होगी। नियम तोड़ने वाले बच्चों या शिक्षक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
आयोग और प्रशासन की प्रतिक्रिया
UKSSSC और प्रशासन के द्वारा इस मामले में कहा गया है कि उन्होंने सुरक्षा के हर संभव उपाय करने की कोशिश की थी लेकिन 5G नेटवर्क इतना प्रभावशाली है कि जैमर पर पूरी तरह से प्रभावित हो गया आयोग ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि ये विफलता केवल कुछ केंद्र में ही हुई है पूरी परीक्षा इससे प्रभावित नहीं हुई है।
UKSSSC Exam Jammers मामला दर्शाता है कि किसी भी परीक्षा को लेने के लिए नियम और उपकरण के माध्यम से एग्जाम को सुरक्षित मानना पर्याप्त नहीं है इसके लिए भविष्य में उन्नत Jammers तकनीक और बेहतर निगरानी प्रणाली का उपयोग करना होगा।