उत्तराखंड आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े पहाड़ क्षेत्र के लिए अच्छे नहीं, बढ़ी चिंता

उत्तराखंड सर्वेक्षण रिपोर्ट के आंकड़े पहाड़ के लिए अच्छे नहीं है वहीं मैदानी इलाकों के लिए साल किफायती रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति …

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उत्तराखंड सर्वेक्षण रिपोर्ट के आंकड़े पहाड़ के लिए अच्छे नहीं है वहीं मैदानी इलाकों के लिए साल किफायती रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय की घटती दर ने चिंता बढ़ा दी है। एक राज्य जो मूलतः इसलिए बनाया गया था कि पहाड़ों की स्थिति सुधरे लेकिन दुर्भाग्यवश राज्य आंदोलनकारियों का सपना साकार नहीं ही पा रहा है।

उत्तराखंड का पहाड़ी क्षेत्र पिछड़ा ही रह गया है, चाहे वो जीडीपी में हो या फिर आय में। हालांकि ओवरऑल उत्तराखंड ने अच्छा प्रर्दशन किया है। 85,636 करोड़ रुपए के साथ हरिद्वार की जीडीपी सबसे ज्यादा है। वहीं सबसे कम जीडीपी रुद्रप्रयाग की है। जिसकी जीडीपी 2,838 करोड़ रुपए है। इसके देख कर साफ है कि पहाड़ी और मैदानी इलाकों में कितनी बढ़ी खाई है। प्रति व्यक्ति आय की बात करें तो राज्य में रहने वाले लोगों की आय बढ़ी है। लेकिन यहां भी मैदानी और पहाड़ी इलाकों में भारी अंतर देखने को मिला है।

7.63 फीसदी जीडीपी ग्रोथ

उत्तराखंड आर्थिक सर्वेक्षण

 

रिपोर्ट के अनुसार साल 2022-2023 के दौरान 7.63% जीडीपी ग्रोथ हुई है। वहीं आने वाले साल की बात करें तो अनुमान है की 7.58% रहेगी। उससे साफ है कि पीछले साल की तुलना में कम रहेगी। अर्थव्यवस्था की रफ्तार थोड़ी कम रहेगी। अगर बात करें प्रति व्यक्ति आय कि तो 2023-24 में करीब 12.64% की वृद्धि होने का अनुमान है।

आय के हिसाब से अच्छी खबर

राजस्व प्राप्ति के बात करें तो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के दौरान 9.63% बढ़ोत्तरी का अनुमान है जो कि एक नया रिकॉर्ड होगा। राज्य बनने के बाद से 2021 तक टैक्स कलेक्शन में 52 गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज़ की गई है। स्थापना के दौरान टैक्स कलेक्शन 233 करोड़ रुपए था। जो बढ़कर 12,000 करोड़ हो चुका है। वर्ष 2023-24 में 8,000 करोड़ से ज्यादा का टैक्स कलेक्शन का अनुमान है। टैक्स कलेक्शन में केंद्रीय कंपनसेशन भी शामिल है।

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Journalist by profession and the founder of HinduLIVE Media. Has excelled BA Journalism in Digital Media.