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उत्तराखंड पंचायत चुनाव: जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण सूची जारी, जानिए आपके जिले में किस वर्ग के लिए सुरक्षित हुई सीट

Authored by: Deepak Panwar
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Published on: 3 August 2025, 12:05 am IST
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Uttarakhand Panchayat reservation for district panchayat president

उत्तराखंड। पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश भर के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों भारी उत्सुकता दिखाई दे रही है। इस बीच राज्य सरकार ने आगामी पंचायत चुनावों के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पदों की आरक्षण सूची जारी कर दी है। नई आरक्षण सूची में कौन से जिले की सीट किस वर्ग (सामान्य, महिला, एससी, एसटी, ओबीसी) के लिए आरक्षित होगी, इसका साफ निर्धारण कर दिया गया है। सूची जारी होते ही गाँव-देहात में राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।

हरिद्वार जिले को छोड़ बाकी सभी जिलों में साफ हुआ आरक्षण का गणित

उत्तराखंड की जिलेवार आरक्षण सूची के अनुसार, इस बार हरिद्वार जिले को छोड़ प्रदेश के सभी जिलों के पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण लागू किया गया है। सरकार ने यह कदम हाईकोर्ट के आदेश के बाद उठाया, जब आरक्षण के पुराने फॉर्मूले को लेकर कई जिलों में विवाद और आपत्तियाँ सामने आईं थी।

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पाँच साल में नए सिरे से नियम लागू

राज्य निर्वाचन विभाग के मुताबिक, हर पाँच साल में जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों के आरक्षण में बदलाव किया जाता है। पिछली बार जो पद सामान्य (ओपन) वर्ग के लिए था, वह इस बार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग या महिलाओं के लिए भी आरक्षित किया जा सकता है। इससे जिले-जिले की भागीदारी सुनिश्चित होती है और हर तबके को जिला पंचायत के शीर्ष पद तक पहुँचने का मौका मिलता है।

गांव के लोगों के लिए क्यों अहम है यह सूची?

ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए यह आरक्षण सूची काफी मायने रखती है, क्योंकि पंचायत अध्यक्ष ही पंचायतों की नीति और विकास की दिशा तय करता है। आरक्षण सूची से यह स्पष्ट हो जाता है कि किस वर्ग या किस समुदाय का प्रत्याशी चुनाव लड़ पाएगा। इसका सीधा फायदा यह होता है कि हाशिए पर रहने वाले तबकों को भी प्रतिनिधित्व मिलता है।

क्या कहते हैं ग्रामीण मतदाता?

उत्तरकाशी जिले के किसान रामलाल कहते हैं, “पहले पता ही नहीं चलता था कि इस बार कौन चुनाव लड़ेगा। अब आरक्षण सूची आ गई है, तो साफ हो गया कि हमारे वर्ग या महिला उम्मीदवार को सीट मिलेगी या नहीं। इससे चुनाव की तैयारियाँ खुलकर शुरू हो सकेंगी।”

कोर्ट ने दिए थे सख्त निर्देश, आरक्षण नियमों में हुआ संशोधन

गौरतलब है कि आरक्षण सूची को लेकर कुछ जिलों में पुराने नियमों पर सवाल उठाए गए थे और मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आरक्षण तय करते हुए सभी वर्गों को बराबर मौका मिले। इसके बाद सरकार ने नई सूची जारी की है, जिससे अब चुनाव कार्यक्रम आगे बढ़ सकेगा।

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Deepak Panwar
Journalist by profession and the founder of HinduLIVE News. Has excelled Ba Journalism in Digital Media. A top grade writer with working experience of almost 6 years.
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