UKSSSC paper leak: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के द्वारा ली जाने वाली स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लिखकर मामले को सुनकर युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है। उत्तराखंड के देहरादून के परेड ग्राउंड में बेरोजगार युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया उनकी मुख्य मांग है कि इस परीक्षा को तत्काल रद्द किया जाए और दोषी व्यक्ति पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
युवाओं का आक्रोश
धरना दे रहे सभी अभ्यर्थियों का कहना है कि बार-बार होने वाली गड़बड़ियों से उनका भविष्य अंधेर की ओर जा रहा है। कई उम्मीदवारों ने तो आरोप लगाया है कि सरकार केवल आश्वासन देकर ही मामले को शांत कर देती है युवाओं का साफ कहना है कि जब तक परीक्षा पूरी तरह से रद्द नहीं होती उनका धरना जारी रहेगा।
सरकार और पुलिस की भूमिका
मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के स्थानीय पुलिस ने आंदोलनकारी को मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने से रोक दिया दूसरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल की वार्ता भी विफल रही। युवाओं का ऐसा कहना है कि सरकार ठोस समाधान करने के बजाय कुछ औपचारिक कदम ही उठा रही है।
जांच और कार्रवाई
UKSSSC paper leak मामले की जांच के लिए सरकार ने एक विशेष जांच दाल कमेटी सीट का गठन किया है। यह जांच हाई कोर्ट की सेवा निर्मित न्यायाधीश की निगरानी में हो रहा है और इसमें एक महीने के अंदर इसकी रिपोर्ट भी मिल जाएगी। दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है लेकिन युवाओं का कहना है कि यह शुरुआत मात्र ही है असली साजिश करने वाले को सामने लाना जरूरी है।
अभ्यर्थियों की चिंता
इस परीक्षा में पेपर लीक मामले में धरना दे रहे सभी युवाओं का कहना है कि वह सालों से मेहनत से अपनी परीक्षा की तैयारी करते हैं लेकिन हर बार पेपर लीक जैसे मामलों से उनका भविष्य दांव पर लग जाता है। उनका विश्वास है कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती और प्रणाली में सुधार नहीं होता है तब तक परीक्षा पारदर्शी तरीके से नहीं हो सकती।
UKSSSC paper leak ने एक बार फिर उत्तराखंड राज्य की परीक्षा प्रणाली पर कई प्रकार के सवाल खड़े कर दिए हैं अब देखना यह होगा कि सरकार युवाओं की नाराजगी को दूर करने के लिए और सिस्टम में भरोसा दोबारा से परीक्षा देने वाले युवक का पाने के लिए कितनी गंभीरता से कम लेती है।