हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाला: दो आईएएस अफसरों सहित चार बड़े अधिकारियों पर गिरी गाज, लैंड यूज चेंज में धोखाधड़ी

हरिद्वार नगर निगम के जमीन खरीद घोटाले की चर्चा तो हो ही रही थी लेकिन अब इसमें एक नया मोड़ आ गया है। हरिद्वार जिले …

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हरिद्वार नगर निगम के जमीन खरीद घोटाले की चर्चा तो हो ही रही थी लेकिन अब इसमें एक नया मोड़ आ गया है। हरिद्वार जिले के सराय में कूड़ा प्लांट के लिए खरीदी गई 35 बीघा जमीन के लैंड उसे चेंज में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जिसमें करीब 54 करोड रुपए का घोटाला सामने आया है इस मामले में चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है और अग्रिम जांच जारी है। वही इस पौधे में पति-पत्नी सुमन देवी जितेंद्र कुमार और देवर धनपाल सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

दरअसल हरिद्वार नगर निगम ने जो 2.39 जमीन खरीदी थी उसमें से केवल 0.379 हेक्टेयर कृषि भूमि थी और बाकी आकृषि। जुलाई में जमीन बेचने का आवेदन देने के बाद विक्रेताओं ने बची जमीन का लैंड यूज गोदाम बनाने के लिए बदला‌ और फिर नगर निगम को बेच दिया लेकिन लैंड यूज चेंज करने के दौरान शर्तिया थी की जमीन का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के अलावा होने पर लैंड यूज स्वत: निरस्त हो जाएगा। यह सारी जानकारी होने के बावजूद पति-पत्नी ने मिलकर 25000 वर्ग मीटर जमीन निगम को 54 करोड रुपए में बेच दी।

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अब जब यह मामला सामने आया तो अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सवाल यह है की आकृषि भूमि खरीदते समय कागजों की जांच में लापरवाही क्यों बरती गई? क्या अधिकारियों द्वारा जानबूझकर इस धोखाधड़ी को नजरअंदाज किया गया या फिर जानबूझकर लापरवाही बरती गई। फिलहाल चार अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है और यह स्टील रद्द कर दी गई है जबकि अन्य की भूमिकाओं पर भी जांच चल रही है।

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This article was written by the Hindu Live editorial team.