गाजीपुर: खबर ग़ाज़ीपुर जिले से है जहां पर भांवरकोल थाना क्षेत्र से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां ग्रामीण रामअवतार लाल ने दरोगा पर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र सौंपा। प्रार्थी का आरोप है कि जब वे मारपीट और हमले की शिकायत लेकर थाने पहुंचे, तो दरोगा जी ने मुकदमा दर्ज करने के बजाय लगातार सुलह-समझौते का दबाव बनाया।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम तरांव निवासी रामअवतार लाल ने बताया कि उनके पट्टीदार विजयलाल श्रीवास्तव और उनके साथियों ने उनकी जमीन में जबरन नाली बनाना शुरू कर दिया। मना करने पर दबंगों ने 25 अक्टूबर को सुबह लगभग 8 बजे उनके घर में घुसकर उन पर और उनके बेटे विनय श्रीवास्तव पर धारदार हथियारों से हमला किया।
हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, उनके सिर फट गए और पूरे शरीर पर चोटें आईं। शोर सुनकर पड़ोसी नवीन पाण्डेय सहित गांव के लोगों ने बीच बचाव कर उनकी जान बचाई।
थाने में क्या हुआ?
घटना के बाद रामअवतार व उनके बेटे ने तत्काल भांवरकोल थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। दरोगा ने होमगार्ड की मदद से उन्हें डाक्टरी परीक्षण के लिए अस्पताल भेज तो दिया, लेकिन डाक्टरी रिपोर्ट आने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया।
इसके बजाय, वह लगातार सुलह करने का दबाव बनाते रहे।
पीड़ित ने जब यह शिकायत पुलिस अधीक्षक गाजीपुर को दी, तब मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद संबंधित आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पीड़ित का कहना है कि मुकदमा दर्ज न होने से आरोपी दोबारा हमला कर सकते थे। एसपी की हस्तक्षेप से उन्हें न्याय की उम्मीद बंधी है।
