उत्तराखंड में ओवरलोड होती भाजपा, विपक्ष का घटता कुनबा

उत्तराखंड में भाजपा लगातार ओवरलोड हो रही है। अन्य दलों से हैवीवेट नेताओं का भाजपा में शामिल होने का क्रम जारी है। अन्य दलों से फुर्र घिंडूड़ी होकर भाजपा के छज्जे में आने के लिए कई और भी उतावले हो रहे हैं।

       

देवतुल्य कार्यकर्ताओं की संख्या के लिहाज से भाजपा विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बताया जाता है। इसमें देवभूमि उत्तराखंड का भी बड़ा योगदान है। उत्तराखंड में भाजपा लगातार ओवरलोड हो रही है। हर चुनाव में बड़ी संख्या में अन्य दलों के नेता भाजपा का दामन थाम लेते हैं।

हर छोटे-बड़े चुनाव से पहले भाजपा दूसरे दलों के हैवीवेट नेताओं के लिए दरवाजे खोल देती है। उनके लिए भी दरवाजे खुल जाते हैं जिनके लिए लिए नो एंट्री का ऐलान बड़े नेता कर देते हैं। ये बिहार की बात है।

बहरहाल, बात उत्तराखंड की करें तो दूसरे दल कार्यकर्ताओं की संख्या के लिहाज से लगातार कमजोर हो रहे हैं और भाजपा ओवरवेट। पहाड़ी राज्य में ओवरवेट भाजपा को हर बार इसका लाभ मिलता रहा है।

आगामी लोकसभा चुनाव में पर पड़ता असर

ये लाभ विधानसभा और लोकसभा चुनाव में साफ-साफ दिखता है। ये पूरी तरह से भाजपा के हिस्से में आता है। अन्य स्तर पर लाभ भाजपा के मूल गोत्री कार्यकर्ताओं से अधिक अन्य गोत्री कार्यकर्ताओं के हिस्से में चला जाता है।

2018 के निकाय से लेकर पंचायत चुनाव में इसे देखा और महसूस किया गया। बात भी सही है कि गारंटी के इस दौर में भाजपा की भीड़ में यूं ही कोई खोने तो नहीं आएगा।